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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

हृदय वाणी, हिंदी रानी

हृदय वाणी, हिंदी रानी

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हृदय की पावन वाणी, तू हिंदी रानी

सबके भाव तू सरलता से बताती


सीधे के साथ बड़ी सीधी हिंदी रानी

टेढ़े के साथ तू है, तलवार सुलेमानी


लिपि है, हिंदी भाषा तेरी देवनागरी

स्वर-व्यंजन से बनी है, तेरी कहानी


तेरी जननी, देवभाषा संस्कृत सुहानी

तेरे हरवर्ण से छलकता है, सुधा पानी

 

जैसा बोलते वैसा भाव निकलता,

हिंदी तेरा हर शब्द है, बड़ा तूफानी


हिंदी तू मां जैसा ख्याल रखती है

तुझमे बसी हिंदी मां मेरी जिंदगानी


बचपन मे हमे ख़ूब सुनाती नानी

हिंदी भाषा में परियों की, कहानी


हिंदी अनपढ़ से भले शुरू करती

पर अंत मे जाकर बनाती है, ज्ञानी


हम हिंदवासी कहीं भी चाहे रहे,

पर मुँह पर हिंदी, दिल हिंदुस्तानी


स्वर्ग से ज्यादा सुंदर लगता है,

जब बाहर मिलता, हिंदी जुबानी


हिंदी तू है, इतनी ज्यादा सुहानी

बोले लगता, बहे जूं झरना पानी


सुने लगे, कर्ण में घुले मिश्री पानी

वर्ण दिखे, लगे दिखा स्वर्ग रूहानी 


सबको मुबारक, विश्व हिंदी दिवस

हिंदी बोलो-लिखो, बनो हिंदुस्तानी।


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