हर किसी के लिए
हर किसी के लिए
हर उपकार, होता नहीं उपकार,
हर किसी के लिए,
कोई उपकार भी, होता है अपकार,
किसी के लिए।
जीने के मायने होते हैं अलग,
हर किसी के लिए !
हर वरदान, होता नहीं वरदान,
हर किसी के लिए,
कोई वरदान भी होता है, अभिशाप,
किसी के लिए।
जीने के मायने होते हैं अलग,
हर किसी के लिए !
वेदों का ज्ञान भी, होता नहीं है ज्ञान,
हर किसी के लिए,
कभी अज्ञान भी होता है, महाज्ञान,
किसी के लिए।
जीने के मायने होते हैं अलग,
हर किसी के लिए !
हर मान, होता नहीं सम्मान,
हर किसी के लिए,
कोई सम्मान भी, होता है, अपमान,
किसी के लिए।
जीने के मायने होते हैं अलग,
हर किसी के लिए !
न सही, बन सकूं, भगवान,
मैं, किसी के लिए,
सोचता हूं, मैं बन सकूं, इंसान,
हर किसी के लिए।
जीने के मायने होते हैं अलग,
हर किसी के लिए !