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Ram Chandar Azad

Abstract

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Ram Chandar Azad

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होली के रंग

होली के रंग

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होली का त्योहार है खुशियों का त्योहार।

नव अंकुर ले पनपता सबके मन में प्यार।।

सबके मन में प्यार जगाने आ गई होली।

पचपन का दिल बोल रहा बचपनिया बोली।


कहता है आज़ाद सुनो मेरे प्रिय हमजोली।

करो बहाने लाख मगर हम खेलेंगे होली।।


मिले रंग से रंग जब , पिचकारी के संग।

रंग,अबीर,गुलाल से महक उठा हर अंग।।

महक उठा हर अंग ले रहा जलधि हिलोरे।

रंगे प्रेम के रंग ,नहीं कोइ काले गोरे।


कहता है आज़ाद सुमन सम खिले खिले ।

तन मन चढ़ी उमंग कि जब रंग से रंग मिले।।


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