होली का त्योहार
होली का त्योहार
ये देखो होली का त्योहार आया,
अपने संग ख़ुशियाँ है लाया,
बैर भाव ,मनमुटाव सब भूलकर,
एक दूसरे को है गले लगाया।
रंग गुलाल की बहार है छाई,
हुड़दंग मचाने मस्तानों की टोली आई,
सतरंगी रंग से रंगी धरा,
प्रकृति की अद्भुत छटा मन भाई।
डोल मंजीरे संग फाग गाते हैं
बच्चे बूढ़े जवान हुड़दंग मचाते हैं,
पुए पूड़ी मिठाई से प्लेट सजी,
सब मिलकर ख़ुशियाँ लुटाते हैं।
ऊँच नीच का है भेद भूले,
मस्ती में है सब ऐसे झूले,
जाति पाँति की टूटी दीवार,
सब उत्साह में हैं भूले।
बरसाने की होली याद आ रही,
कान्हा संग गोपियाँ रास रचा रही,
भींगी हैं चुंदरी भींगा है बदन,
गोरी रूप से मन को रिझा रही।
आया देखो होली का त्योहार,
रंग गुलाल की लेकर बहार।