होली का त्योहार
होली का त्योहार
प्रकृति में हर्षोल्लास छाया
लो होली का त्योहार आया
लो होली का त्योहार आया
बजे चंग और मृदंग हर व्यक्ति हर्षाया
लो होली का त्योहार आया
रंग अबीर और गुलाल
प्रकृति में भर आया
लाल गुलाबी नीला पीला
रंग होली संग मुस्काया
राग द्वेष सब भूलकर हमने
होली का त्यौहार मनाया
अबकी बार वो पिया की हो ली
अबकी बार विरह भी मुस्काया
राक्षस राज हिरण्यकश्यप के
आतंक से हर चेहरा जब मुरझाया
विष्णु भक्त प्रह्लाद हो गए
हिरण्य कश्यप ने पुत्र रतन था पाया
कहा हिरण्यकश्यप ने प्रजा से
मेरी ही सब पूजा करें
भर दिया सारा आतंक प्रजा में
स्वयं घोषित भगवान कहलवाया
प्रजा तंग हुई अत्याचार से
पुत्र प्रह्लाद ने विष्णु नाम दोहराया
भक्ति प्रह्लाद की पसंद नहीं आई
हिरण्य कश्यप ने अत्याचार बढ़ाया
बहन होलिका को वरदान मिला था
अग्नि से ना जलने का
हिरण्यकश्यप मैं ऐसा अग्नि का
जाल बिछाया
होलिका के साथ में उसने विष्णु भक्त
प्रहलाद बिठाया
अग्नि में धूं धूं जली होलिका
प्रहलाद को विष्णु भक्ति ने बचाया
नरसिंह रूप धरकर भगवान विष्णु ने
हिरण्यकश्यप को यमलोक पहुंचाया
अधर्म की धर्म पर विजय हुई
सब ने होली का त्योहार
ख़ुशी ख़ुशी मनाया
प्रकृति में हर्षोल्लास छाया
लो होली का त्यौहार आया
लो होली का त्योहार आया