होली है! चलो होली खेलते हैं!!!
होली है! चलो होली खेलते हैं!!!
उस साल बसंत के मौसम में अपने दादाजी के घर गया था..।
ब्रिज की भूमि में एक होली के दिन का यह एहसास हमेशा मुझे स्मरण रहेगा..!
वृन्दावन में एक शांतिपूर्ण सुबह, श्री कृष्ण का घर..।
स्कूल की छुट्टियां शुरू हो गई थी।
होली है! होली है! चलो होली खेलते हैं!!!
उस दिन वह सुबह जल्दी उठा..।
रंगीन पानी की बाल्टी मेरा इंतजार कर रही है..!
मैंने अपने दादाजी के दरवाजे के बाहर कदम रखा,
पल भर में मैं रंगीन पानी में भीग गया...!
सर से पांव तक... लाल, नारंगी, पीला, जामुनी... होली के रंग...!
ओह, होई है दिन ठीक है...।
चलो होली खेलते हैं...चलो होली खेलते हैं..!
परमानंद और आनंद के साथ वसंत की जय हो!
पेड़ अपने अंकुर के साथ मुस्कुराते हैं
कोमल पत्तों और खिले हुए फूलों की,
सुंदरता और महानता की भूमि,
सुख-शांति के रंग का साक्षी भारत।
राष्ट्र पर्व का आनंद लेने के लिए उत्सुख आओ
रंग का उत्सव- होली!
सामग्री, सद्भाव और आनंद का अनुभव करें,
होली है! होली है! चलो होली खेलते हैं!!!
होली के रंग लाल, हरे, पीले और अनगिनत।
एक दिन का कैनवास - रंगों का दंगा।
जीवंत भीड़ दौड़ रही है, नाच रही है, खेल रही है
इंद्रधनुष के रंग, चलो होली खेलते हैं और धूम मचाते हैं !!
चलो खिलखिलाते रंगों से खेलते हैं.. होली के दिन खेलते हैं...।
