"हनुमानजी जन्मोत्सव"
"हनुमानजी जन्मोत्सव"
आज हनुमानजी का जन्मोत्सव है
नाचो, गाओ रामभक्त का उत्सव है
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा, वार था, मंगलवार
इसी दिन शिव ने लिया रुद्र अवतार
छाई, खुशियां मां अंजना घर, अपार
जब शिव ने किया, कपि रूप साकार
आज हुआ था बालाजी का उद्भव है
हर्षित थी, धरा, चहूँ ओर था, उत्कर्ष है
दिल की चिड़िया कर रही, कलरव है
आज केसरी नन्दन का जन्मोत्सव है
करेंगे सब सामूहिक सुंदरकांड पाठ,
ओर करेंगे पवनपुत्र ध्यान हर पल है
जो करे इनकी भक्ति सच्चे हृदय से
शनि महाराज देते नहीं उसे कष्ट है
कलि के बस बालाजी जागृत देव है
इनकी भक्ति से, बदलती किस्मत है
मंदिरों में आज होते रामायण पाठ है
घर पर रहनेवाले करे चालीसा पाठ है
सबकी मनोकामना पूरी करते, आप है
मिटाते, कलि प्रभाव, छाया हर ओर है
जो जिह्वा सीताराम नाम ले हर पल है
उसके काम संवारे, बालाजी, जबरदस्त है
तेरे चरणों में प्रभु कोटि-कोटि नमन है
आज रामदूत, सुग्रीव सखा जन्मोत्सव है
मुँह में राम, बगल छुरी रखते कमबख्त है
ऐसे दुष्ट, पाखंडियों से रह सदा सर्तक है
भक्ति सरल हृदय से बहता हुआ जल है
दिखावा बालाजी को कभी नहीं पसंद है
जो होता है, भक्त हनुमानजी का, साखी
वो होता अपनी खुदी का मस्त मलंग है
गाओ, नाचो आज हनुमान जन्मोत्सव है
आज बालाजी का पाओ वृहद हस्त है
जो आता, सर्वप्रिय देव बालाजी शरण है
उसका होता कल्याण, जहां में उसी क्षण है
कर ले मनवा प्रतिक्षण बालाजी भजन है
उन्हें छोड़ कोई नहीं दुनिया में सज्जन है।