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जयति जैन नूतन

Tragedy

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जयति जैन नूतन

Tragedy

हँसी ठिठोली बहुत हुई

हँसी ठिठोली बहुत हुई

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कोरोना को मत समझ इतना भी आसान

संभल जा थोड़ा मत बन नादान।

चायनीज माल है समझ इस गहराई को

अपना लो देशी शुद्ध शाकाहारी खान पान।


जात न पूछो वायरस की, ना पूछो खानदान,

मिट्टी में मिल रहे हैं अच्छे-अच्छों के अभिमान।

हँसी ठिठोली और मज़ाक में आओ न नादान,

एक बार जो फँस गए बचा न पायेगा भगवान।



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