हँसी ठिठोली बहुत हुई
हँसी ठिठोली बहुत हुई
कोरोना को मत समझ इतना भी आसान
संभल जा थोड़ा मत बन नादान।
चायनीज माल है समझ इस गहराई को
अपना लो देशी शुद्ध शाकाहारी खान पान।
जात न पूछो वायरस की, ना पूछो खानदान,
मिट्टी में मिल रहे हैं अच्छे-अच्छों के अभिमान।
हँसी ठिठोली और मज़ाक में आओ न नादान,
एक बार जो फँस गए बचा न पायेगा भगवान।
