Mayank Kumar 'Singh'
Abstract
साज शौकत हमदर्द सब उसे कहो
जो रात को सोने न दे उसे हमसफ़र कहो!
तुम एक कलम सी...
उस चाँद का भी...
कुछ खिला चंदा...
पहरेदार
आधी रोटी
मैं भीग रहा ह...
तू कहीं खो गय...
कुछ बातों को ...
मैं तेरे लिए ...
मेरे अंदर वह ...
पर बस ठोकर खा के गिरने से पहले, मेरा हाथ थाम लेना। पर बस ठोकर खा के गिरने से पहले, मेरा हाथ थाम लेना।
प्रकृति तुम महान हो, तुम कुदरत का वरदान हो ! प्रकृति तुम महान हो, तुम कुदरत का वरदान हो !
और आपकी खातिर मेरा सब कुछ कुर्बान हैं पापा। और आपकी खातिर मेरा सब कुछ कुर्बान हैं पापा।
कहीं आसमां को छूते ऊंचे पर्वत, कहीं लहराती फसलों में हरियाली छाई, कहीं आसमां को छूते ऊंचे पर्वत, कहीं लहराती फसलों में हरियाली छाई,
जीवन में मिले हुए दुख सुख भरे हुए सारे ही सौगात। जीवन में मिले हुए दुख सुख भरे हुए सारे ही सौगात।
ईश्वर का दूत बन धरा पर जीवन बिताता है परमहंस कहलाता है। ईश्वर का दूत बन धरा पर जीवन बिताता है परमहंस कहलाता है।
अफसाने किसी के लिये जीने का बहाना भी हो सकते हैं अफसाने किसी के लिये जीने का बहाना भी हो सकते हैं
बस शुकराना रहा रब का, हर रास्ते मुझे कुछ ख़ुशियाँ जरूर मिली। बस शुकराना रहा रब का, हर रास्ते मुझे कुछ ख़ुशियाँ जरूर मिली।
ऐसा उस दिन लगा था मन को नहींं हो पायेगा यहाँ रहना मेरा। ऐसा उस दिन लगा था मन को नहींं हो पायेगा यहाँ रहना मेरा।
पतझड़ में भी मैं तो पेड़ों से पत्ते झड़ने न दूं। पतझड़ में भी मैं तो पेड़ों से पत्ते झड़ने न दूं।
चमक हार कर तरल चक्षु से, देखें ये नभ सारा, दूर - दूर तक खोज रहे हैं, जिसको सदा पुकार चमक हार कर तरल चक्षु से, देखें ये नभ सारा, दूर - दूर तक खोज रहे हैं, जि...
समय रेत की तरह हाथों से फिसलता रहता है, और हम हर बार पीछा करते ही तो रहते हैं, समय रेत की तरह हाथों से फिसलता रहता है, और हम हर बार पीछा करते ही तो रहते ह...
उस चिलचिलाती धुप में अपने पंखों को जलाने का संघर्ष !! हां! ये सब संघर्ष ही तो है ! उस चिलचिलाती धुप में अपने पंखों को जलाने का संघर्ष !! हां! ये सब संघर्ष ही त...
पिता ही है जिसकी डांट में भी छिपा होता है प्यार बेशुमार पिता ही है जिसकी डांट में भी छिपा होता है प्यार बेशुमार
हम जैसा जहाँ में कभी, नादान देखा है। हम जैसा जहाँ में कभी, नादान देखा है।
ये भी उदास इसकी भी तो माँ छोड़कर गई न। ये भी उदास इसकी भी तो माँ छोड़कर गई न।
ओस की बूंँदे कहती..... है मेरा कुछ तुझसे ऐसा वास्ता..... ओस की बूंँदे कहती..... है मेरा कुछ तुझसे ऐसा वास्ता.....
पर लाल गुलाब की बात निराली किताबों में सिर्फ यही मिलता है। पर लाल गुलाब की बात निराली किताबों में सिर्फ यही मिलता है।
मेरी खुद की यात्रा पर निशान लगाने के लिए। मेरी खुद की यात्रा पर निशान लगाने के लिए।
जीती है ये अपना जीवन विशेष प्यारी तितली ! जीती है ये अपना जीवन विशेष प्यारी तितली !