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Sakshi Singh

Inspirational

4.4  

Sakshi Singh

Inspirational

हमारी प्यारी " हिन्दी भाषा "

हमारी प्यारी " हिन्दी भाषा "

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हिन्दी मेरी भाषा है,

हिन्दी मेरी आशा है।

हिन्दी का उत्थान करना,

यही मेरी जिज्ञासा है।

हिन्दी की बोली अनमोल,

एक शब्द में कई विलोम।

हिन्दी हिन्द हिमालय पर शोभित,

हर्षित होते बोल के सोम।

फिर भी क्यों आज भी

हिन्दी में बात करे तो मूर्ख समझे जाते हैं,

अंग्रेजी में बात करे तो जेंटलमैन कह लाते है।

अंग्रेजी का हम पर असर हो गया,

हिन्दी का मुश्किल सफ़र हो गया।

देसी घी आजकल बटर हो गया,

चाकू भी आज कल कटर हो गया।

अब मैं आपसे इजाज़त चाहती हूं,

हिन्दी की सबसे हिफाज़त चाहती हूं।

       


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