हमारी कहानी
हमारी कहानी
तुम्हारी कहानी में
मैं रहूंगा या नहीं
मगर मेरी कहानी में
सिर्फ तुम ही तुम रहोगी
क्योंकि इसकी शुरुआत
ये बीज स्वरूप आंशिक प्रेम है
जो तुमसे सृजित तुमसे जाग्रत् हो
तुम तक ही है जाना
इसका पात्र से लेके ये हसीन शब्द तक तुम हो
मैं तो बस एक बिंदु सा हूँ इनमें
तुम तो पूरी की पूरी भाषा हो
तोड़ने पे भी ना टूटे
हाँ तुम इस कहानी की बेजोड़ आत्मा हो
तुम ही कहानी तुम ही उजास इसकी
रहेगा इतहास को सदा याद
आंशिक प्रेम की ये कहानी।