STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"हमारा संविधान,हमारा अभिमान"

"हमारा संविधान,हमारा अभिमान"

3 mins
690

हमारा संविधान है,हमारा अभिमान

बिना संविधान के हम सब है,बेजान

गणतंत्र दिवस इसलिये मनाते हैं,

इसी दिन लागू हुआ था,संविधान

संविधान से हम अधिकार पाते हैं

यह संविधान ही,हमारी मुस्कान

बिना संविधान,वीरान हिंद जहान

बड़े शौक से मनाते गणतंत्र दिवस

इसी से आया,हर कानून खानदान

इसलिये सब बोलो जय संविधान

संविधान ही बनाता है,सर्व समान

संविधान ही मिटाता तम खानदान

हमारा संविधान हमारा अभिमान

संविधान से बनेगा,भारत महान

इसमें मिला सत्य,अहिंसा को स्थान

संविधान से मिली कानून को जान

हम भारत के लोग बिना संविधान,

बिना हरियाली के वृक्ष के समान

यह संविधान,विश्व मे सबसे बड़ा है

इसके आगे कोई भी नही खड़ा है

हमारा संविधान है,हमारा अभिमान

बनने मे 2वर्ष11 माह18 दिन लगे

हमारे संविधान है,सबके लिये समान

इसमें लोकतंत्र का है,बड़ा पवित्र ज्ञान

जनता खुद चुनती,अपना नेता महान

इसमें आजादी है,तो मर्यादा भी है

हमारा संविधान,सबसे ही न्यारा है

हमारा संविधान,सबसे ही प्यारा है

बाबा साहब अंबेडकर के ख्वाबों का,

हमारे संविधान में समाया है,जहान

सब साथ रहेंगे,किसी से न झगड़ेंगे

सब धर्म,जाति का एक हिंदुस्तान

हमारा संविधान है,हमारा अभिमान

इस संविधान से नही बड़ा कोई नेता,

संविधान पढ़ो,यह सबके लिये समान

भेदभाव,अस्पृश्यता का न इसमें स्थान

संविधान है,प्रकाश पुंज के ही समान

संविधान अंधेरा मिटाता है,सूर्य समान

जय संविधान जय किसान,जय विज्ञान

हमारा संविधान है,हमारा अभिमान।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational