हमारा देश
हमारा देश
सजा दो देश को इतना
आज गणतंत्र आया है।
हुआ रौशन मेरा भारत
आज गणतंत्र आया है।
दिलाई हमको आजादी
देश के वीर जवानों ने।
बहा दो प्रेम की गंगा
देश के नौजवानों में।
सजा दो देश ----------
उमड़ आई मेरी आँखे
देख कर अपने भारत को ।
सम्भालो देश को यारो
आज गणतंत्र आया है।
सजा दो-------
बिछादो अपनी पलकों को
बहा कर प्रेम की गंगा।
दिखा दो शक्ति अपनी तुम
जो दुश्मन घर में घुस आये ।
सजा दो------
मातृभूमि पर अपनी, लुटा कर जान तो देखो।
गाड़ दो तुम तिरंगे को
कश्मीर से कन्याकुमारी तक।
सजा दो देश को---------लल।