शीर्षक - शिक्षक ( कविता )
शीर्षक - शिक्षक ( कविता )
शिक्षक तो हैं आन देश के,
शिक्षक तो हैं शान देश के।
सच्चे पथप्रदर्शक हैं ये,
सबने इसको स्वीकारा है।
शिक्षक सबसे आला है,
शिक्षक सबसे न्यारा है।
शिक्षक नमन तुम्हारा है,
शिक्षक नमन तुम्हारा है।।
विद्यार्थी जब इन्हें बुलायें,
ज्ञानदीप शिक्षक ने जलायें।
हुए दूर सभी अज्ञान तिमिर,
जब शिक्षक ने कलम उठायें।
ये दीपक बन जलते रहते,
इनसे फैला उजियारा है।
शिक्षक नमन तुम्हारा है,
शिक्षक नमन तुम्हारा है ।।
राधाकृष्णन जी ने दिखाया,
उसी राह को है अपनाया।
शिक्षक ने ही साक्षरता का,
घर - घर में है अलख जगाया।
इस धरती पर शिक्षक से ही,
बही साक्षरता धारा है।
शिक्षक नमन तुम्हारा है,
शिक्षक नमन तुम्हारा है ।।
गुरु की महिमा कैसे गायें,
गुरु बिन ज्ञान कहाँ से पायें।
ईश्वर ने भी गुरु चरणों में,
देखो अपने शीश झुकायें।
कृपादृष्टि गुरु की मिल जाये,
ये सुख सौभाग्य हमारा है।
शिक्षक नमन तुम्हारा है,
शिक्षक नमन तुम्हारा है ।।
कोई भी बच्चा छूटे ना,
कभी शिक्षा का क्रम टूटे ना।
ये शत प्रतिशत नामांकन का,
कभी दृढ़ संकल्प टूटे ना।
शिक्षक धरती पर शिक्षा का,
सबसे उत्तम सहारा है।
शिक्षक नमन तुम्हारा है,
शिक्षक नमन तुम्हारा है ।।
शिक्षक तो हैं आन देश के,
शिक्षक तो हैं शान देश के।
सच्चे पथप्रदर्शक हैं ये,
सबने इसको स्वीकारा है।
शिक्षक सबसे आला है,
शिक्षक सबसे न्यारा है ।
शिक्षक नमन तुम्हारा है,
शिक्षक नमन तुम्हारा है ।।
