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ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

Inspirational

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ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

Inspirational

हिंदी भाषा

हिंदी भाषा

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हिंदी भाषा की महिमा का वर्णन

कोई कोई कर सकता है।

क्या संभव है की सागर को कोई 

भी मुट्ठी में भर सकता है।


हिंदी भाषा तो समाज संस्कृति है 

हिंदी भाषा है जग आत्मा,

हिंदी भाषा के इक शब्द शब्द में 

बसता परम पिता परमात्मा।

भारत में जन्मा एक एक बच्चा

हिंदी को प्रणाम करता है।

हिंदी भाषा की महिमा का वर्णन

कोई कैसे कर सकता है।


बोलने में सहज सरल भाषा हिंदी,

सदा बनी साहित्य की प्राण है।

इसका समुचित अध्ययन किया जिसने,

हुआ सर्व कल्याण सदा है।

ओम कहे नित नमन करो हिंदी को,

जग जीवन हर्षित रहता है।

हिंदी भाषा की महिमा का वर्णन

 कोई कैसे कर सकता है।


हिंदी भाषा की महिमा का वर्णन

कोई कोई कर सकता है।

क्या संभव है की सागर को कोई 

भी मुट्ठी में भर सकता है।



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