देव गजानन आओ
देव गजानन आओ
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देव गजानन अब तुम आओ।
कष्ट जगत के सभी मिटाओ।।
प्रथम पूज्य देवता हो प्यारे।
वैभव देते हो तुम सारे।।
सारे जग के प्रभु हो न्यारे।
सकल काज तिहारे सहारे।।
जो जो करता जाप तुम्हारा।
सुख वैभव वह पाता सारा।।
गौरी के तुम सुत हो प्यारे।
भोले की आँखों के तारे।।
मात पिता की सेवा कीन्हा।
मात वचन पालन मुख दीन्हा।।
ओम कहे जप लो प्रभु नामा।
नाम स्मरण ना लागे दामा।।
जिसने प्रभु को शीश झुकाया।
सकल संपदा उसने पाया।।