हम ज़रा सा भी दुखी नहीं है
हम ज़रा सा भी दुखी नहीं है
हम ज़रा सा भी दुखी नहीं हैं ...
हम ज़रा सा भी दुखी नहीं हैं ...
यह सोच कर,कि बार-बार असफलता ही क्यूँ हाथ लगती है?
अरे!यह तो हमें पता है कि हम बार -बार असफल होते रहेंगे ,
बल्कि हमें खुशी हो रही है,
कि थोड़ी ही सही, पर सफलता तो हाथ लगी है।
हम ज़रा सा भी दुखी नहीं हैं ...
हम ज़रा सा भी दुखी नहीं हैं ...
यह सोच कर, कि अपने ही हमको इतना ग़लत कैसा समझते हैं ?
अरे! यह तो हमें पता हैं कि अपने हो या पराये, दोष तो हर कोई निकालता है
बल्कि हमें खुशी हो रही है,
कि थोड़ी ही सही, पर कुछ तो सच्चाई देखे हैं।
हम ज़रा सा भी दुखी नहीं हैं ...
हम ज़रा सा भी दुखी नहीं हैं ...
यह सोच कर, कि लोग इतने जल्दी बदल कैसा जाते हैं ?
अरे! यह तो हमें पता हैं कि सब समय के साथ-साथ बदल जाते हैं
बल्कि हमें खुशी हो रही है ,
कि थोड़ी ही सही, पर कुछ अच्छे समय हम सब ने गुजारें हैं।
