हम ठेले वाले
हम ठेले वाले
कैफे की दुनिया अंजानी
हम तो जी भई ठेले वाले
ठेले पर से चाय पीने वाले
बड़ी शरारत करने वाले
चाय पकौड़ी खाने वाले
कैफे वाले हम न हो पाए
पैसा भले ही कितना भी कमाए
मिडिल क्लास ही रहने वाले
पैसा ऐसे वैसे न खर्च करने वाले
अब तो ठेले वाले दिन भी गए
ना जाने वो दिन कब आएंगे
हम ठेले वाले के पास कब जाएंगे
तुम भी चलना कैफे छोड़
रंग बिरंगी पैसों वाली
इस दुनिया से मुंह को मोड़।