हम कहां....ऐसा करते हैं।
हम कहां....ऐसा करते हैं।
हम कहां ऐसा करते हैं।
कोई गिला ,कब करते हैं ?
जैसा आप कहते हैं
वैसा ही तो करते हैं।
हम कहां ....ऐसा करते हैं।
लिखकर शब्दों को ,
जवाब का इंतजार करते हैं।
हम तो ,दिल से दिल की,
राह तलाश करते हैं
हम......कहां ऐसा करते हैं।
न तोलते हैं ,ना तूलते हैं
बस,अपनी अनमोल,
कीमत रखते हैं।
हम कहां ...ऐसा करते हैं।
नए नहीं हैं,
हम तो रूह की ,
गहराई में बसते हैं।
हम कहां ऐसा करते हैं।
