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Siddhant Prashar

Romance

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Siddhant Prashar

Romance

हम अजनबी हो जाते है

हम अजनबी हो जाते है

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सोचा मैने भी आज बेफिक्रे होकर,

तेरी फिक्र करना छोड़ दूं।

बहोत थक चुका हूँ अब मैं ,

सोचताहूँ तेरी गली मैं अब जाना छोड़ दूं।

मैं छोड़ता हूँ सपने सजाना,

तुम भी मेरे ख्वाबो मे आना छोड़ दो।

मैं छोड़ता हूँ कोशिश अब तुमसे नजरे मिलाने की,

तुम भी अब नजरे चुराना छोड़ दो।

छोड़ो जाने दो, प्यार के वो यादे, वो वादे,

सब भूल जाते है, चलो एक बार फिर से

अजनबी हो जाते है।

वैसे क्या तुम्हे वो वादे याद भी है?

वो हमारी मुलाकाते, क्या तुम्हे वो याद भी है?

याद है तुम्हे वो बारिश, भींगे थे हम,

और तुमने मुझे बाहों में भर लिया था

मै तुम्हारी हूँ , बस तुम्हारी।

कुछ शायद ऐसा ही तुमने कहा था।

तुम ने वादा किया था मुझसे

कभी साथ नही छोड़ोगी।

हाथ थामा है पिया सात जन्मों के लिए,

कुछ ऐसा ही तुमने कहा था न,

कि मेरा हाथ कभी नही छोड़ोगी?

छोड़ो जाने दो, प्यार के वो यादे,

वो वादे, सब भूल जाते है

चलो एक बार फिर से अजनबी हो जाते है।

एक बार फिर से अजनबी हो जाते है।



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