Prashant Bebaar
Abstract Classics
हल्की हरारत है बदन में सुबह से
तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं।
लोग बैठे हैं ...
हौसला
फूल दिल तक़दी...
प्यास हूँ सहर...
कार के शीशे म...
ऐसे भी ग़म होत...
कोई तदबीर हो ...
जागी पलकों पे...
मीलों की दूरी...
आँखों में जो ...
देखो ना यार वो अपने अपनों से भी कितना कुछ छुपाए रखते हैं। देखो ना यार वो अपने अपनों से भी कितना कुछ छुपाए रखते हैं।
शील, समाधी, ज्ञान से अच्छे गुण आ जाय । शील, समाधी, ज्ञान से अच्छे गुण आ जाय ।
मन के मरूस्थल पर भी कहीं मेरे पैरों के हैं निशां मन के मरूस्थल पर भी कहीं मेरे पैरों के हैं निशां
यह भाई बहन का रिश्ता आकाश का विस्तृत रूप है , सबसे सुन्दर दिव्यता की आलौकिक आभा है , यह भाई बहन का रिश्ता आकाश का विस्तृत रूप है , सबसे सुन्दर दिव्यता की आलौकिक आ...
प्रकृति से चुन भावों के रंग, बनकर कवि स्वयं चित्रकार प्रकृति से चुन भावों के रंग, बनकर कवि स्वयं चित्रकार
हम लाख सम्भाले तो भी क्या, हर बात का मुजरिम होता मैं हूँ। हम लाख सम्भाले तो भी क्या, हर बात का मुजरिम होता मैं हूँ।
गठरी लादे कर्मों की चल रहा हर इंसान गठरी लादे कर्मों की चल रहा हर इंसान
घनघोर बरस गए सारे आँसू, नवजीवन फिर लहराया। घनघोर बरस गए सारे आँसू, नवजीवन फिर लहराया।
क्या अधिकार था तुम मुझे द्यूत में चढ़ा दो, वस्तुओं संग विनमय के लिए आगे बढ़ा दो। क्या अधिकार था तुम मुझे द्यूत में चढ़ा दो, वस्तुओं संग विनमय के लिए आगे बढ़ा ...
यह कैसा उदास ऊबा हुआ वैशाख आया। यह कैसा उदास ऊबा हुआ वैशाख आया।
विदेश भ्रमण और सामाजिक मीडिया पर स्टेट्स जम कर दिखाना विदेश भ्रमण और सामाजिक मीडिया पर स्टेट्स जम कर दिखाना
अनुभूतियों के सफर में बहुत कुछ मिला मुझे! अनुभूतियों के सफर में बहुत कुछ मिला मुझे!
गम तो होंगे ही मुसलसल राहें-ऐ-ज़िन्दगी में, पर ख़ुशी के गुब्बारे उड़ाने को जी चाहता है। गम तो होंगे ही मुसलसल राहें-ऐ-ज़िन्दगी में, पर ख़ुशी के गुब्बारे उड़ाने को जी च...
निरंतर चलने वाली दुनिया थमी है जिससे वो विषाणु निकले धरती से। निरंतर चलने वाली दुनिया थमी है जिससे वो विषाणु निकले धरती से।
आया सावन देखो सखियों ये मन को हर्षाए, डाल- डाल पर कोयल बोले मनवा नाचे गए। आया सावन देखो सखियों ये मन को हर्षाए, डाल- डाल पर कोयल बोले मनवा नाचे गए।
अपने साये से दूर जा बैठे कोई धोखा धड़ी हुई होगी ! अपने साये से दूर जा बैठे कोई धोखा धड़ी हुई होगी !
लॉकडाउन से प्रेम मुझे हो ही गया, पर हर एक रिश्ते की तरह इसमें भी दिल दुखने लगा! लॉकडाउन से प्रेम मुझे हो ही गया, पर हर एक रिश्ते की तरह इसमें भी दिल दुखने ल...
योगी भोगी ठग जग का जन्मों, सदियों जाने कब से पथ दर्शक हूं मैं योगी भोगी ठग जग का जन्मों, सदियों जाने कब से पथ दर्शक हूं मैं
रेशम के धागे में हमको अनमोल हैं लगते हीरे-जवाहरात भी इनके सामने फीके लगते। रेशम के धागे में हमको अनमोल हैं लगते हीरे-जवाहरात भी इनके सामने फीके लगते।
राज़ ही न कर दे ज़ाहिर सवाल आँखों का देखभाल करना रखना ख्याल आँखों का ! राज़ ही न कर दे ज़ाहिर सवाल आँखों का देखभाल करना रखना ख्याल आँखों का !