Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

4.5  

Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

हकीकत

हकीकत

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हकीकत से जो दूर भागता है

वो जिंदगी को बस काटता है

हकीकत से सामना करता है,

वो ज़माने मे मशहूर होता है


जो ख्वाबों ख्यालों में रहता है,

वो हारने को मजबूर होता है

कर्म करने में आलसी होता है

वो जिंदगी में सदा ही रोता है


हकीकत से जो दूर भागता है

वो जिंदगी को बस काटता है

हकीकत में जो नहीं जीता है

वो सावन का सूखा होता है


दिखावे से जुगनू नही बनते है

हकीकत से ही जुगनू बनते है

जो सच होने का ढोंग करता है

वो दीपक तले अंधेरा होता है


हकीकत में जी,दिखावे में नही,

जो हकीकत का चांद होता है

वो दाग होने मुस्कुराता होता है

हकीकत से साखी सवेरा होता है


हकीकत बिन चंद्र अधूरा होता है

हकीकत से सूर्य रोशन होता है

जो शख्स हकीकत से दूर होता है

वो जिंदा होकर मुर्दे जैसा होता है।


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