हिंदुस्तान
हिंदुस्तान
तुम कहते हो मेरे देश में घूसखोरी, भ्रष्टाचार
काला बाजारी, गंदगी, बलात्कारी और सीनाज़ोरी है
फिर मैं तो कहूँगी तुमने
मैसूर के शेर टीपू सुल्तान नहीं देखे
शिवाजी का युद्ध कौशल, रिपु संहार नहीं देखे
तुम झाँसी के उस मैदान से नहीं गुजरें
कानपुर, बरेली, बिहार, लखनऊ ग्वालियर
की गलियों में नाना साहिब, कुँवर सिंह, तांत्या तोपे
भक्त खाऩ और छबीली की वीरता से लबालब
वो दीवारों पर तलवारों के निशां नहीं देखें।
पंजाब की मिट्टी को माथें से नहीं लगाया
क्या कभी कोई ऊधम सिंह, भगत सिंह
जलियाँवाला बाग के बाहर खेलता नज़र नहीं आया
आज भी अमृतसर में शहीदी के मेले लगते है
साहिबे कमाल हो, उनके लाल, या लाल-बाल-पाल
धर्म और देश भक्ति के लिए खून से लथपथ सीने
और कटे सिर नहीं देखे
साबरमती के आश्रम में दीपक नहीं जला सकें।
अंखड भारत के निर्माता पटेल के समक्ष
सिर नहीं झुका सकें।
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कारगिल की बरफीली पहाड़ी पर लहराते तिरंगे नहीं देखे
तुमने पुलवामा के शहीदों के जनाजे़ नहीं देखें
आज भी कश्मीर की घाटी में कोई जवान चिर निद्रा में सोता है
माँ का अँचल कफन होता, राखी का धागा और पक्का होता है
यह वो देश है अयोध्या में राम की मूर्ति
की पोशाक मुसलमान सिलता है
होली के रंगों से जात-पात का भेद मिटता है।
यहाँ आज भी कई श्रवण कुमार तुम्हें मिल जाएँगे
देवकी-यशोदा की गोद में पलते
वो पाँच से पचास के हुए लाल नहीं देखें
माना मेरे देश में कई कमियाँ है
मगर पाप धोती गंगा मैया है
इसकी गौरव गाथा का गान विश्व में गाया जाता है
जब आज़ादी मिलते-मिलते दो-सौ साल लग गए
तो कुछ शब्दों में देश के शौर्य का बखान कैसे करो
तुमने देख तो लिया होगा देश
पर तुमने पत्थरों में भगवान नहीं देखे
जिनके दिलों में हिन्दुस्तान न बसता हो
मैंने वो इंसान नहीं देखे
वो इंसान नहीं देखे।