हिन्दी के इस यज्ञ में
हिन्दी के इस यज्ञ में
हिन्दी के इस ज्ञान यज्ञ में,आना बहुत जरुरी है।
विजय विश्व हो यह हिन्दी,गाना बहुत जरूरी है।।
संगम का उद्देश्य यही है,मिलकर कदम बढ़ाना।
हिन्दी के इस मूल मंत्र को,जन जन मे पहुंचाना।
कितनी पावन है यह भाषा,जो कंठो में उतरी है।
सारे हिन्दुस्तांन में परचम,भरी मधुरता सुथरी है।
उठो साथियो आगे आओ लाना मत मजबूरी है।
हिन्दी के इस ज्ञान यज्ञ में,,आना बहुत जरुरी है।
धन्य समागम रेवा तट पर,संगम का यह मेला है।
जन जन की सहभागी बन,होता नहीं अकेला है।
भारत के कोने-कोने से,,,कविगण यहां पधारेंगे।
परिचर्चा का मंथन करके,मन की बात उतारेंगे।।
रेवा के अद्भुत संगम में,,जाना बहुत जरूरी है।
हिन्दी के इस ज्ञान यज्ञ में,आना बहुत जरुरी है।
सबको लेकर बढ़ते जाना ये अभियान चलाया।
संगम में कोई एक नहीं यह सब ने इसे बढ़ाया।।
हिन्दी के नव परिभाषा पे,कुछ बातें जो घोलेंगे।
यक्ष प्रश्न बन आज खड़ा निश्चय है कुछ बोलेगे।।
हिन्दी भाषा हो परिभाषा,पाना बहुत जरूरी है।
हिन्दी के इस ज्ञान यज्ञ में,आना बहुत जरुरी है।
महाकुंभ के इस मेले पे संगम की अद्भुत तैयारी
गीत ग़ज़ल दोहों से लेकर, गूंजेगी कविता सारी।
भव्य विमोचन होगा हर प्रतिभा होगी सम्मानित।
मातु नर्मदे के तट पर,पावन दृश्य बड़ा आनंदित।।
ऐसे शुभ अवसर को मैनें,माना बहुत जरूरी है।
हिन्दी के इस ज्ञान यज्ञ में,आना बहुत जरुरी है।।