हिन्द की नारी
हिन्द की नारी
ऐ हिंद की नारी तुझे,जरा हिन्द का ध्यान रहे
जब देखे कोई तुझे,बस हिन्दुस्तानी कहे
जहां जन्मी है सभ्यता, वहीं तूने जन्म लिया
अपमान न हो उसका,जिसने तुझे जन्म दिया
कर्त्तव्यों का तेरे, हर पल तुझे भान रहे
खेले तेरी आंचल में, यहां राम कृष्ण, हनुमान
नानक, गोविंद और गांधी सी तेरी सन्तान
तू जननी पूज्यवर है, इस बात का ध्यान रहे
तू लाली है पूरब की दे विश्व को उजियारा
क्यो मांग रही बहना, पश्चिम से अंधियारा
तू ज्योति है ज्वाला की , मूझसे ही जग रोशन रहे
पिंजरे कि नहीं तू मैना,मस्त हवा में उड़ले
तेरे पग पाताल धुले, तेरे हाथ गगन छूले
तेरे कर्म की हो पूजा, तेरा अमर इतिहास रहे।