हे भारत के जनक!
हे भारत के जनक!
सती प्रथा को खंडित कर
एक नव युग का निर्माण किया
नये युग का नया कवि
ये आज तुम्हें प्रणाम किया।
संदेशों के संवाहक तुम
ब्रह्म समाज के संस्थापक तुम
हे भारत के जनक सुनो
मैं आज तेरा गुणगान किया
नये युग का नया कवि
ये आज तुम्हें प्रणाम किया।
बाल विवाह को अंकुश करके
अमर कृत्य स्थापित करके
जीवन के मूल्यों को तुमने
एक नया आयाम दिया
नये युग का नया कवि
ये आज तुम्हें प्रणाम किया।।