हे! आनंदस्वरूप आनंद
हे! आनंदस्वरूप आनंद
मैं तेरा होना चाहता हूँ
जीवन की इस माया से,
सच-झूठ के घने सायों से,
परे, मैं होना चाहता हूँ
हे! आनंदस्वरूप आनंद
मैं तेरा होना चाहता हूँ
जीवन की इस,
भागम- भाग के असल अर्थ,
पहचान गया हूँ
इस दौड़ से, अब परे
मैं तुम में स्थिर होना चाहता हूँ
हे !आनंदस्वरूप आनंद
मैं तेरा होना चाहता हूँ
क्या ?
मिला मुझे
मैंने क्या पाया
पा कर भी,
क्या है...?
साथ मेरे !
हर भटकाव से ?
आज़ाद होना चाहता हूँ
मैं तेरा हूँ ,
मैं तेरा ही, हो जाना चाहता हूँ
