हौसलों की उड़ान
हौसलों की उड़ान
साईकिल को पंख लगा दो
इसको हवाई जहाज़ बना कर उड़ा दो ,
बहुतेरे चेहरे हों ,
सपनों के कई रंग उकेरे हों ।
चित्रकार कोई तो कलमकार कोई ,
दुनिया ख़्वाबों सी खूबसूरत हो
उम्र के पहिये थम जायें ,
न साइकिल के चक्के रुकते हों
न मुसाफिर कोई थकते हों
साईकिल को पंख लगा दो
इसको हवाईजहाज़ बना कर उड़ा दो ।