हौसलों की उड़ान
हौसलों की उड़ान
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हाथों में लिए रंग बिरंगी तितलियों के
रंग जैसा पंखा, जिसके साथ उड़ने की चाहत।
जिससे आस्मां में इंद्रधनुष बनाने की चाहत,
बादलों के पार जाने की चाहत।
अनोखा बचपन अनोखी चाहत,
मासूम से सपने मासूम सी चाहत।
कोई कल्पना नहीं स्वप्न साकार है,
आज सच में मन बादलों के पार है।
सामने नीला सा फैला आस्मां है,
रौशनी का सतरंगी एक संसार है।
देखो जज़्बा उन पंछियों का,
छू लेते है वो आस्मां हौसलों की उड़ान भरकर।
छू लूँगा मै लक्ष्य रूपी आस्मां सफलता मेरे कदम चूमेगी,
कदमों में होगा ये सारा जहांँ।