हौसलों की उड़ान**************
हौसलों की उड़ान**************
हर दिल में दीप जलाना भी जरूरी है।
हर मन में आस जगाना भी जरूरी है।
ख्वाहिशों से मिलता नहीं है कुछ यहां ।
अपने कर्म की शाख हिलाना जरूरी है।
कुछ नहीं मिलता अंधेरों को कोसने पर।
अपने हिस्से का दीप जलाना जरूरी है।
हमने माना कि उड़ान हौसलों से होती है।
उड़ता वही जिसके पंखों में जान होती है।
उड़ने-उड़ने में भी हम सबके है फर्क यहां।
उड़ान वही जो अंबर का सीना चीरे जहां।
हौसलों की जरूरत है उड़ान के लिए यहां।
हौसलों केआगे मुश्किलें सर झुकाती यहां।