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हास्य रस

हास्य रस

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इश्क में वो जब से बीमार हो गई,

प्यार की कहानी बेशुमार हो गई ।

मैं जेल में बंद हुआ रामरहीम की तरह,

वह हनिप्रित की तरह फरार हो गई ।।


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