अमीर हमज़ा
Drama
चलो अब
मोहब्बत की बात करते हैं
अमन, चैन व हिफ़ाजत
की बात करते हैं...!
शादी के बाद
(मुज़फ़्फ़रपुर ब...
ग़ज़ल
हास्य रस
शेर
तेरे साथ बिताए लम्हों का, हर पल बहुत याद आता है। तेरे साथ बिताए लम्हों का, हर पल बहुत याद आता है।
दिल तोड़कर किसी का मुस्कराते हैं लोग...! दिल तोड़कर किसी का मुस्कराते हैं लोग...!
ज्ञान मिले जीवन खिल जाए...! ज्ञान मिले जीवन खिल जाए...!
बचपन के बारे में एक कविता...। बचपन के बारे में एक कविता...।
मेरी ज़िम्मेदारियाँ मुझे मरने नहीं देंगी...! मेरी ज़िम्मेदारियाँ मुझे मरने नहीं देंगी...!
जीवन को जीते रहने का ये, हुनर कहाँ से लाती हो तुम ? जीवन को जीते रहने का ये, हुनर कहाँ से लाती हो तुम ?
छोटी-छोटी इच्छाएं हैं मेरी छोटी सी अश्रुधारा से बनी हूँ मैं एक नदी मेरे किनारो के नाम हैं, स्वाभ... छोटी-छोटी इच्छाएं हैं मेरी छोटी सी अश्रुधारा से बनी हूँ मैं एक नदी मेरे किनार...
छोटे बच्चों को ना रोको, खेलने दो रेत में पाक रहने दो उन्हें, अपना गणित सिखलाओ मत...! छोटे बच्चों को ना रोको, खेलने दो रेत में पाक रहने दो उन्हें, अपना गणित सिखलाओ...
किताब के पन्नों की तरह पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है ! किताब के पन्नों की तरह पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है !
मैं, माँ की चटाई बिछाकर माँ का चश्मा लगाती हूँ और माँ की किताबों में खोजती हूँ माँँ...! मैं, माँ की चटाई बिछाकर माँ का चश्मा लगाती हूँ और माँ की किताबों में खोजती हू...
सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं... सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं...
जिसका गहना उसका मान सम्मान है औऱ जिसकी मुस्कुराहट उसके आज़ाद विचारों की पहचान है ! जिसका गहना उसका मान सम्मान है औऱ जिसकी मुस्कुराहट उसके आज़ाद विचारों की पहचान...
इन मय-क़शी सदाओं में ज़रा सी अज़मत भर देना... गुज़ारिश है तुमसे, एक बार, बे-दिली से ही सही... ब... इन मय-क़शी सदाओं में ज़रा सी अज़मत भर देना... गुज़ारिश है तुमसे, एक बार, बे-...
गुस्सा आये तो, सता भी देता हूँ, प्यार आये तो, जता भी देता हूँ... गुस्सा आये तो, सता भी देता हूँ, प्यार आये तो, जता भी देता हूँ...
जब तख्त की ज़ुबाँ बोलनेे लगे अखबार, तो कैसे लिख दूँ कि कलम की ताकत अभी ज़िंदा है...। जब तख्त की ज़ुबाँ बोलनेे लगे अखबार, तो कैसे लिख दूँ कि कलम की ताकत अभी ज़िंदा ह...
समाज की हकीकत बयाँ करती एक कविता...! समाज की हकीकत बयाँ करती एक कविता...!
विनाश सदैव विकल्प है प्रथम खटकाओ सभी द्वार...! विनाश सदैव विकल्प है प्रथम खटकाओ सभी द्वार...!
निगाहों ने तुमको ही, अपना बताया । निगाहों ने तुमको ही, अपना बताया ।
एक ही ज़िंदगी है, अपनी इच्छाओं को पूरी करो यही दुनिया के सारे द्वार खोलता है, मैंने भी सीखा कि अरमान ... एक ही ज़िंदगी है, अपनी इच्छाओं को पूरी करो यही दुनिया के सारे द्वार खोलता है, मैं...
बिना परिश्रम किए, कभी भी हार मान मत। बिना परिश्रम किए, कभी भी हार मान मत।