हाँ हो गए हो तुम बड़े अब
हाँ हो गए हो तुम बड़े अब


हाथ पकड़ के तुम चलना सीखे थे ना
डाँट सुनके माँ के आँचल में रोये थे ना
यूँ तो तुम छोटी-छोटी बातें बताते थे ना
पापा कों अपना हीरो मानते थे ना।
माँ की हाथ की बनी रोटियां आचार के साथ
दादी की भूत की कहानियां बड़े विचार के साथ
हाँ हो गए हो तुम बड़े अब
छोड़ दिया है तुमने बाकी सब।
बूढ़ी माँ में है नहीं अब वो फूर्ति
बाप की काठी अब क्यों है चुभती ?
देख न सकते थे एक भी आंसू तुम्हारी आँखों में जो
रो रो के खुदको कोसते है वो।
दे दिया था जिन्होंने अपना जीवन पूरा
कर नहीं सकते थे क्या वो शौक अपना पूरा ?
जा तो सकते थे वो भी हर जगह
रुकने की आखिर तुम ही तो थे वजह।
लगा लो गले उनको तुम अब
सॉरी मम्मी पापा कह दो तुम अब।