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Shubham Pandey gagan

Abstract Inspirational

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Shubham Pandey gagan

Abstract Inspirational

गुरु (छंद)

गुरु (छंद)

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मन के अँधेरों से कुंद हो गई थी बुद्धि मेरी

ज्ञान से गुरु के मूँद चक्षु खुलने लगे। 


राह की ठोकरों से राह ही भटक गए जब

गुरु की कृपा से सही राह चलने लगे।


जिंदगी से हार के हताश हो गए थे हम 

ज्ञान से गुरु के नये ख़्वाब पलने लगे 


गांडीव रख कर निराश हुए अर्जुन थे 

गीता के ज्ञान से जवाब मिलने लगे।



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