प्रतिक्षण टूट टूटकर पाषाण बन चुकी है प्रतिक्षण टूट टूटकर पाषाण बन चुकी है
भूली सुध बुध मैं बेचारी , लिखती रही धुन पर बन कवि , भूली सुध बुध मैं बेचारी , लिखती रही धुन पर बन कवि ,
गुरु की कृपा से सही राह चलने लगे। गुरु की कृपा से सही राह चलने लगे।
एक लापते से उसका पता पूछना! एक लापते से उसका पता पूछना!
शोणितबीज को मार गिराया असुरों का भी किया सफाया शोणितबीज को मार गिराया असुरों का भी किया सफाया
हाथ में गदा ले कर नारायण बलि के द्वार पर सदा हैं रहते। हाथ में गदा ले कर नारायण बलि के द्वार पर सदा हैं रहते।