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Kavita Sharrma

Abstract

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Kavita Sharrma

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गरीबी

गरीबी

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एक दिन रास्ते में मिल गई गरीबी

मैंनें पूछा क्या हाल है बडी 'बी'

काफी समय हो गया तुम्हें भारत में

कुछ दिनों विदेश क्यों नहीं चली जाती 


विदेश जाने का चलन तो आजकल है जोरों पर 

तुम को मौका है मिला तो पूरा कर जी भर कर 

गरीबी बोली इस देश से तो

मेरा जन्म जन्म का नाता है

भला ऐसे में भी कोई घर छोडकर जाता है

फिर आजकल मेरा नाम

चुनाव जीतने में जो आता है काम


मैं न रहूँगी तो किसे हटायेंगे 

चुनाव जीतना भी भूल जायेंगे

गरीबी तो सिर्फ एक राजनीति का मुद्दा है 

गरीबों से जिसका दूर तक न कोई रिश्ता है।


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