गरीब का दिल
गरीब का दिल
गरीब का दिल
हर शख़्स तोड़ता है
जैसे वो कोई
आईना तोड़ता है।
याद ऱखना तू
सदा ही साखी
गरीब का प्यार हमेशा ही
आंसू पोछता है।
खुदा हमेशा गरीब
बनकर ही आता है
गरीब को सताने वाला
ख़ुदा का ही दिल तोड़ता है।
मुस्कान न दे सके
इनको आँसू भी न दे
इनकी दुआओं को तो ख़ुदा भी
आमीन बोलता है
दिल से विजय।