STORYMIRROR

Navin Madheshiya

Inspirational

5.0  

Navin Madheshiya

Inspirational

गंगा जमुनी तहजीब

गंगा जमुनी तहजीब

1 min
531


मैं हिन्द देश का वासी हूं

मैं हिंद देश से आया हूं 

मैं प्रेम सबसे करता हूं

 मैं प्रेम सीखाने आया हूं। 


नफरत बहुत फैल चुकी है 

मैं नफरत मिटाने आया हूँ

मैं हिन्द देश का वासी हूं 

 मैं हिंद देश से आया हूं।


जहाँ बच्चों का है बचपन

माँ की है ममता

पिता का है करुणापन

दादी का है भोलापन।


मैं वहां से तुम्हारे लिए

आशीष लेकर आया हूं

 मै हिंद देश का वासी हूं 

मैं हिंद देश से आया हूं।


जहाँ धरती की है भीगी सुगंध है

गंगा जमुनी तहजीब जहां

जहां भारतीय सांस्कृतिक मालाओं की

बहती है रीत सदा।


मैं उस पवित्र धरा की रज कर 

तुम्हारे लिए लाया हूं 

मैं हिंद देश का वासी हूं 

मैं हिंद देश से आया हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational