गलतफहमी
गलतफहमी
जब लगे कि वो
कहीं और देख रही है
तुम्हारी आंखों के सिवा,
जब लगे कि
अपने नाम से वो
पोंछकर मिटा रही है
तुम्हारी पहचान..
जब यकीन हो जाए
कि उसकी चुप्पी
चुप्पी नहीं, कोशिश है
तुम्हें न सुनने की
कि, अब वो कोई बात
करना ही नहीं चाहती..
जब लगने लगे कि
तुम्हारे हाथ से
अपना हाथ झटक कर
छुड़ा रही है,
जब लगे की अब वो
तुम्हें छोड़ के जा रही है,
तो अब तक तुम्हें
सब कुछ ही गलत लगा
असलियत में वो
बहुत पहले ही
तुम्हें छोड़ कर
जा चुकी होती है।

