ग़ज़ल
ग़ज़ल
कोई नोटिफिकेसन नहीं मिलेगा तुमको
एकतरफा इश्क़ में वेरिफिकेसन नहीं मिलेगा तुमको
गर किसी ने तरस खाकर किया है मुहब्बत तुमसे
फिर वो डेडिकेसन नहीं मिलेगा तुमको
जुल्फें, जज़्बात और ताल्लुकात जितना उलझाओगे
इनका सिम्पलिफिकेसन नहीं मिलेगा तुमको
गर तुम्हें अपने प्यार पे यकीन नहीं तो ना सही
अब कोई जस्टिफिकेसन नहीं मिलेगा तुमको
जिस्म से रूह तक बहुत सादा है तनहा
इसका ब्यूटीफिकेसन नहीं मिलेगा तुमको