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Harinarayan Tanha

Others

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Harinarayan Tanha

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ओ मानसून, तू ने क्यों बहुत देर लगा दी

ओ मानसून, तू ने क्यों बहुत देर लगा दी

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ओ मानसून, तू ने क्यों 

बहुत देर लगा दी 

हमारे आंगन आने में 

बादल बन छा जाने में 

रिमझिम-रिमझिम बरस जाने में 

अब तो सब सुख गए हैं 

वो नव अंकुर जो पनपे थे 

तू क्या जाने बिना पानी के 

वो सब कितने तड़पे थे 

तू अब आया है देर लगाकर 

अब क्या लाभ कमाएं गा 

इन नव अंकुरों की मौत का 

तू ही दोषी कहलायेगा 



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