गजल : हुस्न
गजल : हुस्न
हर दिल में कोई न कोई राज छुपा होता है
अफसाना ए मुहब्बत आंखों से बयां होता है
निगाहें उठाना फिर गिराना इसमें भी राज है
मुस्कुरा कर कत्ल कर देना उनका अंदाज है
मदभरी निगाहों में डूबने की ख्वाहिश पाले हैं
पर उनके दिल पर तो लटके हुये बड़े ताले हैं
हुस्न दिल की बात होठों तक आने नहीं देता
तूफां ए इश्क आशिक को चैन लेने नहीं देता
कातिलाना अंदाज दिलकश अदाएं ये शोखियां
जान ले लेगी आशिकों की तुम्हारी ये अंगड़ाइयां।