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UMA PATIL

Romance

3  

UMA PATIL

Romance

गिले-शिकवे

गिले-शिकवे

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मुझसे ना रूठा करो

यूं ना जाओ मुँह मोड़ के।


कहते थे, तुम मेरी हो

मेरे सपनों की परी हो

बस इक हैं, जगह तुम्हारी

तुम मेरे मन में भरी हो।


पर तुमको ये पता नहीं

मेरे मन में तो तुम हो

मेरे ख्यालों में तुम हो

मेरी रातों में, दिन में हो।


मैं आऊंगी तुम्हें मिलने

मैं ना रूठूंगी तुमसे

और मैं तुम्हें मनाऊंगी

फिर क्यूं तुम रूठे मुझसे।


छोड़ कर सारे गिले-शिकवे

आ जाओ मेरी बाहों में

तुम्हें लिपटकर सोऊं मैं

तुम ही तुम हो पनाहों में।


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