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Dheerendra Verma

Inspirational

3  

Dheerendra Verma

Inspirational

गीत

गीत

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202


था भावविभोर अकिंचित मन ये 

देखन को कछु इस नील गगन में 


सहसा घटी कुछ घटना यूं ऐसी 

टूट गए सपने सब क्षण भर में 


कोई नहीं हम अभी हारे नहीं हैं

कोशिश जारी है नित जीवन में 


देख चाँद को मेरा जी करता है 

भर लूं इसे कुछ पल मुट्ठी भर में 


है रूप चाँद का कितना निराला 

चमके ऐसे जैसे कोई मतवाला


हमने तो अभी कोशिश ही की है 

हारे हैं नहीं कुछ जीत ही की है 


एक दिन हम मिलकर ही रहेंगे 

तेरे दर्शन यूं हम करके ही रहेंगे



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