गीत
गीत
था भावविभोर अकिंचित मन ये
देखन को कछु इस नील गगन में
सहसा घटी कुछ घटना यूं ऐसी
टूट गए सपने सब क्षण भर में
कोई नहीं हम अभी हारे नहीं हैं
कोशिश जारी है नित जीवन में
देख चाँद को मेरा जी करता है
भर लूं इसे कुछ पल मुट्ठी भर में
है रूप चाँद का कितना निराला
चमके ऐसे जैसे कोई मतवाला
हमने तो अभी कोशिश ही की है
हारे हैं नहीं कुछ जीत ही की है
एक दिन हम मिलकर ही रहेंगे
तेरे दर्शन यूं हम करके ही रहेंगे
