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Anita Sudhir

Inspirational

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Anita Sudhir

Inspirational

गीत

गीत

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सद्भावना अरु प्रेम से निस दिन यहाँ त्यौहार हो।।

इक दूसरे की भावना का अब यहाँ सत्कार हो।

अब भाव की अभिव्यक्ति का, ये सिलसिला है चल पड़ा,

रचते रहें ये गीत मधुरम छन्द से जो हो जड़ा ।

आशीष दो माँ शारदे बस भाव नित ओंकार हो ,

इक दूसरे की भावना का अब यहाँ सत्कार हो।


सद्भावना...

खबरें परोसी जा रही, जो झूठ में लिपटी मिले,

इन्सान ऐसा कौन है इस घाव को जो अब सिले।

सच लिख सके जो अब सदा ऐसा नया अखबार हो।।

इक दूसरे की भावना का अब यहाँ सत्कार हो।


सद्भावना...

बातें निरर्थक हो रहीं, इसमें छिपा क्या राज है,

अपशब्द कहने का सभी को अब नया अंदाज़ है।

सम्मान करना युगपुरुष का अब सदा आचार हो ,

इक दूसरे की भावना का अब यहाँ सत्कार हो।


सद्भावना...

मद के नशे में चूर जो, गाथा उन्हीं की क्यों कहे ,

वंदन चरण का क्यों करें अपमान हम क्यों कर सहें।

ये लेखनी सच लिख सके, जलते वही अँगार हो ,

इक दूसरे की भावना का अब यहाँ सत्कार हो।

सद्भावना...



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