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शायर देव मेहरानियां

Inspirational

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शायर देव मेहरानियां

Inspirational

गीत _ या धरती राजस्थान री,

गीत _ या धरती राजस्थान री,

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या धरती राजस्थान री,

करता इस पे अभिमान री।

लगे स्वर्ग सी सुन्दर ये

न्योछावर कर दूँ जान री।

या धरती राजस्थान री,

करता इस पे अभिमान री।


पन्ना का कलेजा फट जाये,

बैरी की खडग जब चल जाये,

बेट का लहू फिर फर बह जाये,

लग जाये-बाज़ी जान री।

या धरती राजस्थान री

करता इस पे अभिमान री।


एक नार हुई क्षत्राणी थी

सिर काट के दी सेनाणी

चुन्डा की जान बचाणी थी

प्रिय की बच जाये जान री

या धरती राजस्थान री,

करता इस पे अभिमान री।


पद्यमिनी की अजब कहाणी थी

खिलजी की नीत डिगाणी थी

जौहर की आग पिछाणी थी

घट ना जाये कोई मान री,

या धरती राजस्थान री,

करता इस पे अभिमान री।


मीरा गिरिधर की दासी थी

दर्शन की बहुत वो प्यासी थी

राणा के गले की फाँसी थी

रजपूती मिट जाये आन री,

या धरती राजस्थान री,

करता इस पे अभिमान री।


प्रताप सा कोई वीर नहीं

दुश्मन की उठे शमशीर नहीं

जो बाँध सके जंजीर नहीं

गाथा-मेवाड़ी शान री,


या धरती राजस्थान  री,

करता इस पे अभिमान री

लगे स्वर्ग सी सुन्दर ये

न्योछावर कर दूँ जान री

या धरती राजस्थान  री,

करता इस पे अभिमान री।


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