गीत नया गाता हूं
गीत नया गाता हूं
सबके दिलों में नज़्म बन जाता हूं..…
मोहब्बत का एक नया इतिहास लिखकर
फिर एक नया सरगम गीत गुनगुनाता हूं !
हवाओ में फिजाओं में.. सासो में बातों में
बहती नदियों की सरिता में .. लहरों में...
पानी खलखलती आवाज में गुनगुनाती..
फूलों की खुशबू में भवरो की गुनगुनाहट में
मदमस्त पंछियों की गगन भरी उड़ान में..
आसमान में सफ़ेद बदलो की ऊंचाइयों में..
बारिशों की रिमझिम बहकती बूंदों में...
कहा– कहा नहीं है... सरगम भरे गीत..
ये जीवन ही है बड़ा प्यारा सा संगीत !