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Padma Verma

Inspirational

4  

Padma Verma

Inspirational

" घर "

" घर "

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  है घर , समाज और देश की नींव ,

  है मजबूत रहना बहुत जरूरी नींव ,

  है सम्हालता सारा भार यही नींव,

  है होना सुन्दर, सुदृढ़, सजग नींव ।


चलेगी तभी सही दिशा में सबकी जिंदगी,  

चलेगी घर के साथ समाज की जिंदगी,

 चलेगी समाज के साथ देश की जिंदगी 

 चलेगी संसार में भारत की जिंदगी।


घर शब्द में ही है अपनापन का समावेश,

घर से दूर रहना है बहुत मुश्किल,

घर की याद हमेशा है सताती सबको ,

घर जाने का हर क्षण रहता है इन्तजार।


सुगंधित खाने की खुशबू आती है याद ,

अम्मा के हाथों की गुझिया आती है याद,

पापा की फटकार की सीख आती है याद,

भाई - बहनों की प्यार भरी लड़ाई आती है याद ।


 घर जन्नत है गरीब हो या अमीर ,

 घर में दाल रोटी हो या पूड़ी - पनीर,

 घर में समानता है दोनों ही बड़ी प्यारी ,

 घर से बने वसुधैव कुटुम्बकम न्यारी ।


  


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