Mohni Shriwas
Children
बच्चों खाओ कच्ची गाजर,
निम्बू, खीरा और टमाटर ।
लाल लाल तुम बन जाओगे ,
सुन्दर बच्चे कहलाओगे।
साफ-सफाई और स...
आओ भैया पेड़ ल...
जामुन
फल
गुब्बारे वाला
सब्जी
मोर
गुणकारी सब्जि...
सब्जी वाला
दीवाली
अपना काम जो छोड़ा, तुमने किसी दूजे के सहारे। पूरा होना उसका मुश्किल है, बिना लगे ही तुम्हारे। सच ही ... अपना काम जो छोड़ा, तुमने किसी दूजे के सहारे। पूरा होना उसका मुश्किल है, बिना लगे...
बरगद होने के बाद तुम समझोगे प्रकृति और माँ को। बरगद होने के बाद तुम समझोगे प्रकृति और माँ को।
चलो ना ! ले चलते हैं अपने साथ प्यारा-सा ये बादल। चलो ना ! ले चलते हैं अपने साथ प्यारा-सा ये बादल।
दूसरे ग्रह की कहानी मैने बताई बच्चो को मेरे बड़ी हंसी आयी। दूसरे ग्रह की कहानी मैने बताई बच्चो को मेरे बड़ी हंसी आयी।
जिंदगी के इस सफर में मैंने उससे सीखा है। जिंदगी के इस सफर में मैंने उससे सीखा है।
बुद्धिमान हैं छोटे लाल यह था उनका सबसे बड़ा कमाल। बुद्धिमान हैं छोटे लाल यह था उनका सबसे बड़ा कमाल।
गिर जाते हैं मिट्टी में दाने, सूखे फल जो जमा कर रखे थे गिलहरी ने आने वाले समय के लिए टहनियों के ... गिर जाते हैं मिट्टी में दाने, सूखे फल जो जमा कर रखे थे गिलहरी ने आने वाले समय...
लॉकडाउन से पहले विनती होती मम्मी से हमारी, कभी तो छुट्टी भी करा दो ओ मम्मी मेरी प्यारी लॉकडाउन से पहले विनती होती मम्मी से हमारी, कभी तो छुट्टी भी करा दो ओ मम्मी मे...
अब यह कैसा मंजर दिखलाया, छाया विश्व में कोविड का सायाI अब यह कैसा मंजर दिखलाया, छाया विश्व में कोविड का सायाI
पूछे हमारा हाल दें हमें सम्मान पर थी नादानी यह हमारी, नासमझी अपनी पूछे हमारा हाल दें हमें सम्मान पर थी नादानी यह हमारी, नासमझी अपनी
मेरा अंश भी बोले, फिर यही गोद और यही मां मिले। मेरा अंश भी बोले, फिर यही गोद और यही मां मिले।
पाकर तुझे खोना दर्द बहुत होता है अविस्मरणीय यादों से तूने जोड़ दिया नाता है पाकर तुझे खोना दर्द बहुत होता है अविस्मरणीय यादों से तूने जोड़ दिया नाता है
आये जो कोई आँच देश पर हम अपनी जान लुटा देंगे आये जो कोई आँच देश पर हम अपनी जान लुटा देंगे
स्कूल का वो पहला दिन स्कूल का वो पहला दिन
वो यादें हैं, जो तब रुलाती थी अब हंसाती हैं ये यादें हैं, जो याद रह जाती हैं। वो यादें हैं, जो तब रुलाती थी अब हंसाती हैं ये यादें हैं, जो याद रह जाती हैं।
फिर भी बात तो एक थी प्यारी -प्यारी यादों को समेटकर उसमें रखना। फिर भी बात तो एक थी प्यारी -प्यारी यादों को समेटकर उसमें रखना।
जाने क्या क्या लिख जाता है वो प्रेम सुहाना बचपन का मुझे बचपन याद दिलाता है। जाने क्या क्या लिख जाता है वो प्रेम सुहाना बचपन का मुझे बचपन याद दिलाता...
लेकिन वह बूढ़ा सिंह माना नहीं, उसे घसीट कर ले गया नदी के किनारे। लेकिन वह बूढ़ा सिंह माना नहीं, उसे घसीट कर ले गया नदी के किनारे।
फिर इक रोटी और दो बूंद पानी का दाम ये पैसा चुका ना पाएगा, फिर तिरस्कृत और अक्षम्य मनुष फिर इक रोटी और दो बूंद पानी का दाम ये पैसा चुका ना पाएगा, फिर तिरस्कृत और अक्...
माँ से सुन तारीफ इतनी मेरा मन कुछ बदला, सोचा खा लेती हूँ माना बहुत है कड़वा। माँ से सुन तारीफ इतनी मेरा मन कुछ बदला, सोचा खा लेती हूँ माना बहुत है कड़व...