Mohni Shriwas
Children
दौड़े लाल टमाटर सरपट,
हरे मटर अभी छटपट।
गोभी सफेद लुड़कती आयी,
हरी धनिया भी दौड़ लगायी।
साफ-सफाई और स...
आओ भैया पेड़ ल...
जामुन
फल
गुब्बारे वाला
सब्जी
मोर
गुणकारी सब्जि...
सब्जी वाला
दीवाली
जिसको जो मन चाहे ले जाए, हाथ पैर या पेट उठाए सर और धर जो उठाएगा, जिसको जो मन चाहे ले जाए, हाथ पैर या पेट उठाए सर और धर जो उठाएगा,
मेरा बचपन, मेरे सपनों में ही रह गया...! मेरा बचपन, मेरे सपनों में ही रह गया...!
बाग़ में जब तक उसे न देख लूँ मेरी सुबह की सैर जैसे अधूरी है। बाग़ में जब तक उसे न देख लूँ मेरी सुबह की सैर जैसे अधूरी है।
कितना अच्छा होता, बादलों से ऊपर अपना घर होता। कितना अच्छा होता, बादलों से ऊपर अपना घर होता।
देश देखता राह तुम्हारी बच्चों भारतवर्ष के, मेहनत और परिश्रम से उन्नति ले आओ अर्श से। देश देखता राह तुम्हारी बच्चों भारतवर्ष के, मेहनत और परिश्रम से उन्नति ले आओ ...
लेकिन वह बूढ़ा सिंह माना नहीं, उसे घसीट कर ले गया नदी के किनारे। लेकिन वह बूढ़ा सिंह माना नहीं, उसे घसीट कर ले गया नदी के किनारे।
नौ एकम नौ, खुद पर भरोसा करो। नौ दूनी अट्ठारह, इरादा मज़बूत हमारा ।। नौ एकम नौ, खुद पर भरोसा करो। नौ दूनी अट्ठारह, इरादा मज़बूत हमारा ।।
गया था चूहा इक दिन खाने अनाज बाजार में! गया था चूहा इक दिन खाने अनाज बाजार में!
बिन मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते। बिन मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते।
पूछे हमारा हाल दें हमें सम्मान पर थी नादानी यह हमारी, नासमझी अपनी पूछे हमारा हाल दें हमें सम्मान पर थी नादानी यह हमारी, नासमझी अपनी
जो ऊपर गतिमय भीतर शांत रहेगा वहीं समंदर कहलाएगा । जो ऊपर गतिमय भीतर शांत रहेगा वहीं समंदर कहलाएगा ।
माता पिता की बच्चों से बढ़ती आशा, बच्चों की कुछ करने की अभिलाषा, माता पिता की बच्चों से बढ़ती आशा, बच्चों की कुछ करने की अभिलाषा,
नई पौध के नौनिहालों , सीख लो तुम भी पेड उगाना ! नई पौध के नौनिहालों , सीख लो तुम भी पेड उगाना !
जिंदगी के इस सफर में मैंने उससे सीखा है। जिंदगी के इस सफर में मैंने उससे सीखा है।
दैनिक जीवन में विज्ञान, कर रहा है बड़ा कमाल। दैनिक जीवन में विज्ञान, कर रहा है बड़ा कमाल।
कितने सुंदर लगते हैं ये , पके पके से आम। तोतापरी दशहरी लंगड़ा , कर्नाटक बादाम। कितने सुंदर लगते हैं ये , पके पके से आम। तोतापरी दशहरी लंगड़ा , कर्नाटक...
वे माँ-बाप थे जो अब तस्वीरों में चुप हैं हम कलेजे थे उनके, वे हमें लख्ते-जिगर कहते थे... वे माँ-बाप थे जो अब तस्वीरों में चुप हैं हम कलेजे थे उनके, वे हमें लख्ते-जिगर क...
माँ की आँखों में सच्चाई के आंसू का बसेरा तेरी शिक्षा का भार अब मेरा, रचे नव सबेरा माँ की आँखों में सच्चाई के आंसू का बसेरा तेरी शिक्षा का भार अब मेरा, रचे नव स...
शिक्षक एक प्रवाह है । मंज़िल नहीं राह है ।। शिक्षक पवित्र है। शिक्षक एक प्रवाह है । मंज़िल नहीं राह है ।। शिक्षक पवित्र है।
चलो ना ! ले चलते हैं अपने साथ प्यारा-सा ये बादल। चलो ना ! ले चलते हैं अपने साथ प्यारा-सा ये बादल।